Pyaj Niryat – नमस्कार किसान भाइयों, Farmhindi में आपका हार्दिक स्वागत है। आज हम प्याज के निर्यात, बांग्लादेश के बाजार की स्थिति और इसके असर के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं। इस रिपोर्ट में हम आपको प्याज के निर्यात के ताजा हालात, बांग्लादेश के बजट में हुए बदलाव, निर्यातकों के लिए फायदे और किसानों के लिए ज़रूरी सलाह देंगे। आइये जानते हैं विस्तार से:
प्याज के निर्यात की मौजूदा स्थिति
भारत में प्याज के दाम इन दिनों बांग्लादेश के निर्यात पर निर्भर नजर आ रहे हैं। बाजार में यह माहौल बना हुआ है कि जैसे भारत के प्याज का भविष्य केवल बांग्लादेश के ऊपर टिका हुआ है। हालांकि, यह पूरी तरह सही नहीं है। फिलहाल भारत से बांग्लादेश के लिए प्याज का निर्यात सीमित है और इसकी शुरुआत की कोई पुख्ता जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं है।
हालांकि, कुछ ट्रकों में हल्दी और अदरक जैसे उत्पाद भेजे गए हैं लेकिन प्याज के निर्यात के लिए बांग्लादेश के आयातकों को इंपोर्ट परमिट की प्रतीक्षा है। इस बीच, बांग्लादेश ने अपना नया बजट पेश किया है जिसमें प्याज सहित कई कृषि उत्पादों के आयात पर लगने वाला सोर्स टैक्स 1% से घटाकर 0.5% कर दिया गया है। इसका फायदा भारतीय निर्यातकों और अंततः किसानों को मिलेगा।
बांग्लादेश का आयात और भारतीय प्याज का महत्व
2023 के आंकड़ों के अनुसार, बांग्लादेश ने 69.2% प्याज भारत से आयात किया, जिसकी कीमत करीब 232 मिलियन डॉलर रही। इसके अलावा, 30.5% प्याज चीन से और कुछ मात्रा तुर्की से आयात की गई। बांग्लादेश की जनता भारतीय प्याज के स्वाद और गुणवत्ता को प्राथमिकता देती है। हालांकि, कुछ व्यापारी कम कीमत वाले चीनी प्याज को भी विकल्प के रूप में देखते हैं।
Pyaj Niryat में आई अड़चनें और विवाद
हाल ही में बांग्लादेश के कुछ आयातकों ने नासिक से प्याज खरीदी तो की, लेकिन उसके भुगतान नहीं किए। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में तनाव पैदा हुआ है। भारत सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के प्रयास कर रही है। इसके चलते बांग्लादेश की सरकार फिलहाल आयात परमिट जारी करने में सावधानी बरत रही है।
बांग्लादेश का बजट और भारतीय किसानों के लिए राहत
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपने बजट में प्याज, गेहूं, लहसुन, मसाले, शक्कर आदि के आयात पर सोर्स टैक्स को आधा कर दिया है। इसका उद्देश्य बांग्लादेश में महंगाई को नियंत्रित करना है। इससे भारतीय प्याज निर्यातकों को बढ़ावा मिलेगा और संभावित रूप से प्याज की मांग में वृद्धि होगी। साथ ही, भारत सरकार ने भी प्याज के निर्यात शुल्क को समाप्त कर दिया है जिससे व्यापारियों के लिए मार्ग प्रशस्त हो गया है।
प्याज के निर्यात के आंकड़े और संभावनाएं
पिछले वित्त वर्ष (मार्च 2024 तक) में भारत ने करीब 11.67 लाख मेट्रिक टन प्याज का निर्यात किया है। अप्रैल और मई 2025 के महीनों में लगभग 1.25 लाख मेट्रिक टन प्रति माह के हिसाब से निर्यात किया गया। अनुमान है कि जून 2025 के अंत तक कुल निर्यात 16-17 लाख मेट्रिक टन के आसपास पहुंच सकता है।
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किसानों के लिए महत्वपूर्ण संदेश
किसान भाइयों, हमें यह समझना होगा कि केवल बांग्लादेश या नेफेड जैसे कुछ संस्थानों के निर्यात पर ही प्याज के दाम निर्भर नहीं करने चाहिए। हमारी कुल प्याज उत्पादन में बांग्लादेश को होने वाला निर्यात या नेफेड की खरीददारी बहुत छोटी मात्रा में होती है।
भारत में हर साल लगभग 30% प्याज खराब हो जाती है। ऐसे में हमें एकजुट होकर अपने उत्पाद की उचित कीमत के लिए सवाल उठाने होंगे। यदि हम सवाल नहीं पूछेंगे तो बाजार की व्यवस्था हमारे हित में काम नहीं करेगी।
सुझाव और निष्कर्ष
- निर्यात और बाजार की खबरों में उलझने के बजाय स्थानीय मंडियों और सरकार की नीतियों पर नजर रखें।
- प्याज के दाम बढ़ाने के लिए सामूहिक रूप से अपनी आवाज उठाएं।
- खेती के साथ-साथ बाजार की समझ और योजना बनाएं।
- किसी भी भ्रम या अफवाह से बचें और विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लें।
हमारा उद्देश्य केवल इतना है कि हमारे किसान भाइयों को सही समय पर सही जानकारी मिले और उनका उत्पाद उन्हें बेहतर मुनाफा दिला सके। आप सभी से निवेदन है कि इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा किसान भाइयों के बीच शेयर करें और अपने सवाल या सुझाव कमेंट के माध्यम से हमारे साथ साझा करें।
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