मध्य प्रदेश में येलो मोजेक वायरस से सोयाबीन की 85% फसल बर्बाद। जानें फसल बीमा योजना 2025 के तहत किसानों को मुआवजा और बीमा राशि कब तक मिलेगी।
मध्य प्रदेश में इस बार येलो मोजेक वायरस ने सोयाबीन की खेती को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई जिलों में किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। सबसे ज्यादा नुकसान सुजालपुर, शाजापुर, हरदा, नीमच, रतलाम, उज्जैन जिले में हुआ है, जहां लगभग 85% से अधिक फसल पूरी तरह चौपट हो चुकी है।
सुजालपुर की एसडीएम सुश्री रजू बाफना ने खेतों का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। किसानों ने उन्हें बताया कि बारिश कम होने, पीला मोजेक रोग और कीट प्रकोप के कारण फसल से लागत भी निकल पाना मुश्किल है।
किसानों को बीमा और मुआवजे की आस
सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए फसल बीमा और मुआवजा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां नुकसान हुआ है, वहां जल्द से जल्द सर्वे कर मुआवजा बांटा जाए।
कलेक्टर ने किसानों से अपील की है कि वे अभी फसल की कटाई न करें और सर्वे पूरा होने तक इंतजार करें। इसके अलावा किसानों को सलाह दी गई है कि वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कृषि हेल्पलाइन नंबर 14447 पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
किसानों की बढ़ती मुश्किलें
किसानों का कहना है कि पौधों में मुश्किल से दो-चार फलियाँ आई हैं और उनमें दाने भी बहुत छोटे और कमजोर हैं। लगातार तीन साल से प्राकृतिक आपदाओं ने उनकी कमर तोड़ दी है।
👉 बढ़ते बीज, दवाइयों और कटाई के खर्च ने किसानों की आर्थिक स्थिति को और खराब कर दिया है। ऊपर से बच्चों की पढ़ाई, घर का खर्च और किसान क्रेडिट कार्ड की किश्तें भी उन पर बोझ बन चुकी हैं।
किसान संगठनों का प्रदर्शन
प्रदेश भर में किसान संगठन लगातार मुआवजा और बीमा भुगतान की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जिलों में सर्वे का काम तेजी से चल रहा है और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सितंबर के आखिर तक राहत राशि और बीमा की दूसरी किस्त किसानों को मिलनी शुरू हो सकती है।
नतीजा
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए यह समय बेहद कठिन है। येलो मोजेक वायरस और प्राकृतिक आपदाओं के कारण सोयाबीन की खेती चौपट हो गई है। अब सबकी निगाहें सरकार और प्रशासन पर हैं कि किसानों को मुआवजा और बीमा की राशि कब तक मिलती है।
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❓ मध्य प्रदेश सोयाबीन फसल पर येलो मोजेक वायरस से जुड़े सवाल-जवाब
Q1. येलो मोजेक वायरस क्या है और यह सोयाबीन की फसल को कैसे प्रभावित करता है?
Ans: येलो मोजेक वायरस एक पौधों में फैलने वाली बीमारी है, जिससे सोयाबीन की पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं और पौधों की वृद्धि रुक जाती है। इसके कारण फलियाँ कम लगती हैं और दाने भी कमजोर रह जाते हैं।
Q2. मध्य प्रदेश में सोयाबीन की कितनी फसल खराब हुई है?
Ans: इस साल मध्य प्रदेश के कई जिलों में सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई है। खासकर सुजालपुर जिले में लगभग 85% से ज्यादा फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है।
Q3. सरकार किसानों को क्या राहत दे रही है?
Ans: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित जिलों में तुरंत सर्वे कराकर किसानों को फसल बीमा और मुआवजा उपलब्ध कराया जाए।
Q4. किसान फसल बीमा के लिए शिकायत कहाँ कर सकते हैं?
Ans: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान कृषि रक्षक हेल्पलाइन नंबर 14447 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
Q5. किसानों को मुआवजा और बीमा की राशि कब तक मिलेगी?
Ans: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सितंबर के अंत तक प्रभावित किसानों को मुआवजा और बीमा की दूसरी किस्त का भुगतान शुरू हो सकता है।
Q6. येलो मोजेक वायरस से बचाव के लिए किसान क्या कर सकते हैं?
Ans: कृषि वैज्ञानिकों का सुझाव है कि किसान सोयाबीन की नई किस्में लगाएँ और साथ ही अन्य वैकल्पिक फसलें भी अपनाएँ, ताकि एक ही फसल पर पूरा जोखिम न रहे।
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