बिहार सरकार का ऐतिहासिक निर्णय: दलहन-तिलहन फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा, किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
बिहार के लाखों किसानों के लिए एक सुखद समाचार है। राज्य सरकार ने चना, मसूर और सरसों जैसी महत्वपूर्ण रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह कदम न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगा, बल्कि बिहार में दलहन-तिलहन की खेती को नई गति प्रदान करेगा।
कैबिनेट का महत्वपूर्ण निर्णय
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कई जनहितैषी निर्णय लिए गए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का निर्धारण। इसके अतिरिक्त, राज्य के छह नए हवाई अड्डों के निर्माण और पटना में पांच सितारा होटल सहित अन्य विकास परियोजनाओं को भी मंजूरी प्रदान की गई।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की नई दरें
कैबिनेट द्वारा स्वीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की दरें इस प्रकार हैं:
- चना: 5,650 रुपये प्रति क्विंटल
- मसूर: 6,700 रुपये प्रति क्विंटल
- सरसों: 5,950 रुपये प्रति क्विंटल
यह निर्णय विशेष रूप से उन किसानों के लिए वरदान साबित होगा जो दलहन और तिलहन की खेती करते हैं। सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके और वे आर्थिक नुकसान से बच सकें।
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पारदर्शी खरीद प्रक्रिया
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना के अंतर्गत फसलों की खरीद प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और किसान-हितैषी बनाया गया है। अब यह खरीद सहकारिता विभाग के अधीन कार्यरत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) और व्यापार मंडलों के माध्यम से की जाएगी। इस व्यवस्था से किसानों को बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा।
खरीद प्रक्रिया में शामिल संस्थाएं
राज्य स्तर पर खरीद कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। साथ ही, राष्ट्रीय सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) जैसी केंद्रीय संस्थाओं को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि खरीद कार्य समय पर और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो।
किसानों के लिए वरदान
बिहार के असंख्य किसान जो चना, मसूर और सरसों जैसी फसलों की खेती करते हैं, उन्हें अब तक अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के इस निर्णय से न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी, बल्कि इससे राज्य में दलहन-तिलहन की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। यह कदम बिहार को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
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