अगले 72 घंटे का मौसम अलर्ट
मध्य प्रदेश में आगामी 72 घंटे किसानों को सतर्क रहने की ज़रूरत है। बंगाल की खाड़ी से बना लो-प्रेशर सिस्टम अब पूरी तरह सक्रिय है और इसका असर पूरे राज्य में देखने को मिलेगा। 4 सितंबर से 6 सितंबर तक कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
किन जिलों में होगी भारी बारिश
- बेतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, धार, बड़वानी, झाबुआ
- इंदौर, उज्जैन, देवास, हरदा, शाजापुर
- उमरिया, सीधी, सिंगरौली, रीवा, पन्ना, छतरपुर
- भोपाल, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम
- राजस्थान के झालावाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर
राजस्थान के उत्तरी जिलों जैसे जयपुर, पाली, सिरोही में केवल हल्की बूंदाबांदी की संभावना है।
सोयाबीन किसान सबसे बड़ी मार झेल रहे
बारिश के साथ-साथ सोयाबीन किसानों की दुर्दशा बढ़ती जा रही है।
मिलेगी सभी नई कृषि योजनाओं, सब्सिडी और लोन की पूरी जानकारी 💰🌾
- खर्च बढ़ रहा है: अलग-अलग प्रकार की इल्ली और खरपतवार के लिए अलग-अलग दवाइयाँ लेनी पड़ती हैं।
- मुनाफा घटा है: चार-पांच तरह की दवाइयाँ डालने के बावजूद असर सिर्फ कुछ दिनों तक रहता है।
- विकल्प की ओर रुख: पूर्वी जिलों के कई किसानों ने सोयाबीन छोड़कर मक्का को बढ़ावा दिया है।
किसानों की समस्याएं और आत्महत्या का संकट
- आलू और प्याज जैसी फसलें लागत भी नहीं निकाल पा रही हैं।
- बीमा कंपनियों से मिलने वाला मुआवज़ा भी नगण्य है।
- लगातार घाटा झेलने के कारण किसानों की आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन मीडिया और प्रशासन इस पर चुप हैं।
मौसम की लंबी मार
इस बार मानसून की विदाई जल्दी नहीं होगी। अनुमान है कि 25 सितंबर से पहले मानसून नहीं जाएगा।
इसका मतलब है कि सोयाबीन की कटाई और घर लाने में कठिनाई होगी क्योंकि खेत कीचड़ से भरे रहेंगे।
प्रशासन और सरकार से उम्मीद
किसान भाइयों का मानना है कि यदि हालात नहीं सुधरे तो अगले चुनावों में नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ेगा। प्रशासन से अपील की गई है कि वे किसानों की समस्याओं को ऊपर तक पहुँचाएँ और समाधान करें।
तो फिर देर किस बात की! अभी हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें और लाभ उठाएं 📲