प्रस्तावना
मध्य प्रदेश सरकार ने सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना (Bhavantar Yojana) की वापसी का ऐलान किया है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को उनकी फसल यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम दर पर बिकेगी, तो उस घाटे की राशि सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जाएगी। हालांकि, सरकार ने योजना की पंजीयन प्रक्रिया और खरीदी अवधि को लेकर नई तारीखें तय की हैं, जिस पर किसानों में चर्चा और नाराज़गी दोनों देखने को मिल रही है।
✅ पंजीयन की तारीखें (Registration Dates)
- किसानों का पंजीयन 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर 2025 तक किया जाएगा।
- यह प्रक्रिया लगभग 20 दिन चलेगी और किसानों को इसके लिए आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखने होंगे।
- पंजीयन एमपी किसान मोबाइल एप, सहकारी समितियों और सीएससी केंद्रों के माध्यम से कराया जा सकेगा।
📅 खरीदी अवधि (Procurement Period)
सरकार ने तय किया है कि भावांतर योजना का लाभ केवल 1 नवंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 के बीच बेची गई फसल पर मिलेगा।
इसका मतलब यह है कि यदि किसान 1 नवंबर से पहले मंडी में सोयाबीन बेचते हैं तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
💰 MSP और वर्तमान मंडी भाव
- खरीफ 2025-26 के लिए सोयाबीन का MSP ₹5328 प्रति क्विंटल तय है।
- वर्तमान में मंडियों में सोयाबीन का भाव ₹3500 से ₹4500 प्रति क्विंटल चल रहा है।
- ऐसे में सरकार किसानों को मंडी भाव और MSP के बीच का अंतर चुकाएगी।
- उदाहरण: यदि किसान ने ₹5000 प्रति क्विंटल पर सोयाबीन बेचा, तो सरकार ₹328 की अतिरिक्त राशि उसके खाते में डालेगी।
🎤 किसानों की चिंता और विरोध
किसानों का कहना है कि दीपावली (17-19 अक्टूबर) से पहले ही सोयाबीन की कटाई और बिक्री शुरू हो जाती है।
- ऐसे में अगर वे फसल अक्टूबर में बेचते हैं, तो उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- किसान संगठनों का मानना है कि सरकार को खरीदी अवधि 1 नवंबर से पहले शुरू करनी चाहिए, ताकि त्योहार से पहले भी किसान योजना का फायदा उठा सकें।
🏛️ मुख्यमंत्री मोहन यादव की घोषणा
मुख्यमंत्री ने कहा:
मिलेगी सभी नई कृषि योजनाओं, सब्सिडी और लोन की पूरी जानकारी 💰🌾
- किसानों को घाटा नहीं उठाने दिया जाएगा।
- अतिवृष्टि और पीला मोज़ेक जैसी बीमारियों से प्रभावित फसलों का सर्वे कराया जा रहा है और मुआवजा भी दिया जाएगा।
- केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के सहयोग से किसानों की आय को सुरक्षित किया जाएगा।
⚖️ विपक्ष की मांग
विपक्ष ने मांग की है कि सोयाबीन का MSP ₹6000 से ₹7000 प्रति क्विंटल तय होना चाहिए।
हालांकि, सरकार ने MSP में बढ़ोतरी नहीं की है, लेकिन भावांतर योजना लागू करके किसानों को सीधी वित्तीय सहायता देने का वादा किया है।
निष्कर्ष
भावांतर योजना की वापसी किसानों के लिए राहत लेकर आई है। हालांकि, पंजीयन और खरीदी अवधि की तारीखों को लेकर असमंजस और विरोध भी सामने आ रहा है। यदि सरकार इन तिथियों पर पुनर्विचार करती है तो यह योजना किसानों के लिए और अधिक लाभकारी साबित हो सकती है।
Ch
तो फिर देर किस बात की! अभी हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें और लाभ उठाएं 📲