🌾 मध्य प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना की दूसरी किस्त अब तक नहीं मिली है। प्रदेशभर में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और ₹59,000 प्रति हेक्टेयर बीमा राशि व सोयाबीन का ₹7000 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य मांग रहे हैं।
किसानों की परेशानी: 11 अगस्त के बाद भी नहीं मिली राशि
मध्य प्रदेश के किसानों को 11 अगस्त से फसल बीमा योजना की दूसरी किस्त का इंतजार है। सरकार की ओर से अब तक आधिकारिक तारीख का ऐलान नहीं किया गया है। पहली किस्त भी कई किसानों तक नहीं पहुंची है, जिस कारण किसानों में गहरी नाराज़गी है।
सरकार के दावे और हकीकत
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहले बयान दिया था कि किसानों को शेष ₹8000 करोड़ की राशि दी जाएगी। लेकिन अभी तक किसानों के खातों में बीमा की रकम नहीं पहुंची है। नतीजतन, किसान बार-बार बैंक अकाउंट चेक कर रहे हैं, परंतु निराशा ही हाथ लग रही है।
जिलों में बढ़ता विरोध और प्रदर्शन
प्रदेश के कई जिलों में किसान संगठनों और कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
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- शाजापुर और काला पीपल तहसील में किसानों ने धरना दिया।
- ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने सरकार से ₹59,000 प्रति हेक्टेयर बीमा राशि की मांग रखी।
- किसानों ने सोयाबीन का समर्थन मूल्य ₹7000 और गेहूं का ₹5000 प्रति क्विंटल तय करने की भी मांग की है।
खाद और प्राकृतिक आपदाओं पर सहायता की मांग
डीएपी, यूरिया जैसी खाद की कमी किसानों की बड़ी चिंता बनी हुई है। इसके अलावा, प्राकृतिक आपदाओं और बिजली गिरने से मृत किसानों के परिजनों को ₹50-50 लाख की सहायता राशि देने की मांग भी की गई है।
सोयाबीन फसल पर पीला मोज़ेक वायरस का असर
प्रदेश में सोयाबीन की फसल पीला मोज़ेक वायरस से बुरी तरह प्रभावित हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, 50% से 70% तक फसल खराब हो चुकी है। किसान इसका मुआवजा जल्द देने की मांग कर रहे हैं।
सरकार की चुप्पी और किसानों का इंतजार
लगातार विरोध और ज्ञापन के बावजूद, सरकार की ओर से न तो बीमा राशि की तारीख बताई जा रही है और न ही कोई ठोस कदम उठाए गए हैं। किसानों को अब भी इंतजार करना पड़ सकता है कि बीमा की दूसरी किस्त कब उनके खातों में पहुंचेगी।
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