3.51 मीट्रिक टन मूंग की सरकारी खरीद को हरी झंडी, कृषि मंत्री शिवराज का ऐलान!

भारत एक कृषि प्रधान देश है, और मूंग जैसे दलहनों की खेती न सिर्फ पोषण बल्कि किसानों की आय का बड़ा स्रोत भी है। खासकर मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में मूंग का उत्पादन काफी होता है। इस बार राज्य सरकार ने 3.51 मीट्रिक टन मूंग की सरकारी खरीद की घोषणा की है, जिसे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं हरी झंडी दी है।

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मध्यप्रदेश सरकार की घोषणा: 3.51 मीट्रिक टन मूंग की खरीदी – कृषि मंत्री

मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में घोषणा की है कि राज्य सरकार वर्ष 2025 में 3.51 मीट्रिक टन मूंग की सरकारी खरीदी करेगी। इस घोषणा के साथ ही किसानों को मूंग की बिक्री का एक स्थिर और सुरक्षित माध्यम मिलेगा।

यह खरीदी समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी, जो किसानों को बाजार की अनिश्चितताओं से बचाएगी और उनकी आय को स्थिर बनाएगी।

मूंग का MSP 2025 कितना है? – कृषि मंत्री

वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹8,682 प्रति क्विंटल तय किया है। यह मूल्य केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित होता है और किसानों को यह गारंटी देता है कि उन्हें कम से कम इतना मूल्य जरूर मिलेगा।

किन किसानों को मिलेगा लाभ?

सरकारी खरीदी योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा:

  • जिन्होंने मूंग की फसल पंजीकृत क्षेत्र में उगाई है।
  • जिनका नाम ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत है।
  • जिन्होंने खरीदी केंद्र पर समय पर अपनी उपज लेकर पहुंचने की योजना बनाई है।

खरीदी की तिथियाँ और स्थान – कृषि मंत्री

सरकारी मूंग खरीदी जून के अंत से लेकर अगस्त के पहले सप्ताह तक की जाएगी। खरीदी मध्यप्रदेश के प्रमुख मूंग उत्पादक जिलों में की जाएगी, जिनमें शामिल हैं:

  • विदिशा
  • होशंगाबाद
  • सीहोर
  • रायसेन
  • नरसिंहपुर

प्रत्येक जिले में खरीदी केंद्रों की सूची ई-उपार्जन पोर्टल पर जारी की जाएगी।

कैसे करें पंजीकरण? – कृषि मंत्री

मूंग बेचने के लिए किसानों को सबसे पहले ई-उपार्जन पोर्टल (https://mpeuparjan.nic.in/) पर पंजीकरण करना होगा। इसके लिए उन्हें निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

  • आधार कार्ड
  • भूमि स्वामित्व प्रमाण (खसरा/खतौनी)
  • बैंक खाता विवरण
  • मोबाइल नंबर
  • फसल बुआई की जानकारी

पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है, और ग्राम पंचायत/CSC केंद्रों पर भी इसकी सुविधा उपलब्ध है।

खरीदी की प्रक्रिया क्या होगी?

  1. किसान ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण करेगा।
  2. तय तिथि पर किसान खरीदी केंद्र पर अपनी मूंग लेकर पहुंचेगा।
  3. उपज की जांच एवं तौल होगी।
  4. किसान को तौल पर्ची एवं रसीद दी जाएगी।
  5. भुगतान किसानों के बैंक खाते में सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से किया जाएगा।

किसानों को मिलने वाले लाभ – कृषि मंत्री

  • समर्थन मूल्य की गारंटी: किसान को ₹8,682 प्रति क्विंटल का सुनिश्चित मूल्य मिलेगा।
  • बिचौलियों से मुक्ति: किसान सीधे सरकार को उपज बेच सकेंगे, जिससे उन्हें वास्तविक लाभ मिलेगा।
  • भुगतान की पारदर्शिता: भुगतान सीधे बैंक खाते में होगा।
  • आर्थिक स्थिरता: सरकारी खरीदी से किसानों को समय पर आय मिलेगी।

सरकार की भूमिका और निगरानी

इस खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है:

  • NAFED (राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ)
  • MP MARKFED
  • कृषि विभाग

प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में निगरानी समिति बनाई जाएगी जो खरीदी केंद्रों के संचालन की समीक्षा करेगी।

किसानों की प्रतिक्रिया और अनुभव

पिछले वर्षों की खरीदी में किसानों ने सकारात्मक अनुभव साझा किए हैं:

  • उन्हें समय पर भुगतान मिला।
  • उपज की तौल में पारदर्शिता रही।
  • खरीदी केंद्रों पर व्यवस्था बेहतर रही।

हालांकि कुछ चुनौतियाँ भी सामने आईं, जैसे कि:

  • कुछ गाँवों से केंद्रों की दूरी अधिक थी।
  • कभी-कभी नेटवर्क और तकनीकी दिक्कतें आती हैं।

राज्य सरकार की दीर्घकालिक कृषि नीति

मध्यप्रदेश सरकार मूंग जैसी फसलों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है:

  • किसानों को बीज, उर्वरक, और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करना।
  • फसल बीमा योजना के तहत सुरक्षा देना।
  • मंडियों और सरकारी गोदामों में भंडारण की सुविधा देना।
  • निर्यात की संभावनाओं को बढ़ावा देना।

भविष्य की संभावनाएँ और मॉडल विस्तार – कृषि मंत्री

यदि यह योजना सफल रहती है तो इसकी तर्ज पर अन्य राज्यों जैसे राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में भी मूंग की सरकारी खरीदी को लागू किया जा सकता है। भारत सरकार भी निर्यात नीतियों में सुधार कर मूंग जैसे दलहनों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में स्थान दिला सकती है, जिससे किसानों की आय और भी बढ़ेगी।

निष्कर्ष

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 3.51 मीट्रिक टन मूंग की सरकारी खरीदी को दी गई मंजूरी एक ऐतिहासिक निर्णय है। यह न केवल किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा बल्कि राज्य की कृषि नीति को भी एक नई दिशा देगा। यदि सही ढंग से इसे लागू किया गया तो यह मॉडल पूरे देश के लिए मिसाल बन सकता है।

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