जय श्री राम किसान भाइयों!
आज 8 अगस्त 2025, शुक्रवार को हम लेकर आए हैं मध्य प्रदेश मौसम अपडेट, जो खेती और फसलों की स्थिति पर सीधा असर डाल सकता है। पिछले दो दिनों (6 और 7 अगस्त) में तेज़ धूप और गर्मी के कारण तापमान 35°C से 38°C तक पहुँच गया था। इसका कारण था — बादलों की कमी और मानसून का ब्रेक।
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लेकिन अब मौसम में बदलाव की संभावना बन रही है। आइए जानते हैं विस्तार से।
अब तक की बारिश की स्थिति
- अब तक पश्चिमी मध्य प्रदेश में पर्याप्त बारिश नहीं हुई है।
- नीमच के कुछ हिस्सों में छुटपुट बारिश दर्ज की गई, लेकिन पूरे जिले में समान बारिश नहीं हुई।
- इंदौर के पास यशवंत सागर डैम पूरी तरह खाली है — इस बार 1 इंच भी पानी नहीं आया, जबकि पिछले साल यह दो बार भर चुका था।
- नदी-नालों और तालाबों में पानी की कमी चिंता का विषय है।
क्यों हो रही है बारिश में कमी?
- बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी का सपोर्ट सीमित रहा।
- मानसून में अस्थायी ब्रेक लगा हुआ था।
- जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण दोहन के कारण मौसमी चक्र में गड़बड़ी बढ़ रही है।
8 अगस्त से 11 अगस्त: मौसम का हाल
8 अगस्त
- पूर्वी जिलों जैसे रीवा, सीधी, सिंगरोली, शहडोल, जबलपुर, सागर और गुना में हल्की बारिश की संभावना।
- पश्चिमी जिलों जैसे इंदौर, धार, खंडवा, हरदा, देवास, भोपाल और विदिशा में लोकल मॉइस्चर सपोर्ट से 10-15 मिनट की बूंदा-बांदी संभव।
9 अगस्त
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- मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, दमोह, नरसिंहपुर, सागर, गुना, विदिशा और शिवनी में हल्की से मध्यम बारिश।
- खंडवा, धार और इंदौर में बारिश की संभावना बढ़ेगी।
10-11 अगस्त
- अधिकतर जिलों में लोकल मॉइस्चर सपोर्ट से टुकड़ों में बारिश।
- 11 अगस्त के बाद एक दिन का गैप, फिर 13 अगस्त से बारिश की गतिविधियां फिर शुरू होंगी।
13 से 18 अगस्त: अच्छा मानसून लौटेगा
- 13-14 अगस्त: बंगाल की खाड़ी से नया साइक्लोनिक सर्कुलेशन, बूंदा-बांदी का दौर।
- 15-18 अगस्त: अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों से सिस्टम के सक्रिय होने पर अच्छी और व्यापक बारिश की संभावना।
- 16, 17 और 18 अगस्त को कई जिलों में भारी बारिश के आसार, जिससे नदी-तालाब भर सकते हैं।
राजस्थान और अन्य राज्यों के लिए स्थिति
- राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में बारिश 11-12 अगस्त के बाद ही संभावित।
- बिहार में पिछले 10 दिनों से बारिश की कमी थी, अब वहां गतिविधियां शुरू हुई हैं।
- हिमाचल और उत्तराखंड में पहाड़ों पर भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं।
फसल पर असर
- सोयाबीन: ज्यादातर इलाकों में वेंटिलेटर जैसी स्थिति, बारिश की सख्त ज़रूरत।
- मक्का और धान: पानी की कमी से विकास धीमा, लेकिन 15-18 अगस्त की बारिश से उम्मीद बढ़ेगी।
मौसम विशेषज्ञ की राय
- इस साल मानसून ने कई पूर्वानुमानों को गलत साबित किया है, यहां तक कि IMD और Skymet के अनुमान भी।
- अल-नीनो और ला-नीना दोनों की स्थितियां न्यूट्रल मोड में हैं, जिससे मौसम का पैटर्न अनिश्चित है।
- किसानों को सलाह — मौसम अपडेट पर नज़र रखें, अनावश्यक सिंचाई या बुवाई में जल्दबाज़ी न करें।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश और आसपास के राज्यों में 13 अगस्त से मानसून की रफ्तार बढ़ने की संभावना है। 15-18 अगस्त के बीच अच्छी बारिश हो सकती है, जो फसलों और जलस्रोतों के लिए राहत लाएगी।
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