किसानों की फसल बर्बाद – बारिश और बाढ़ ने तोड़ी उम्मीदें
हाल ही में आई भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। प्याज, सोयाबीन, कपास और मक्का जैसी खरीफ फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और पश्चिम बंगाल—हर राज्य में किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है।
महाराष्ट्र में प्याज का सबसे बड़ा नुकसान
सिर्फ महाराष्ट्र में ही 60 लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। सोलापुर, अहमदनगर, नासिक और मराठवाड़ा में किसानों की प्याज की फसल बर्बाद हो गई।
- खरीफ प्याज की बुवाई इस साल 20% कम थी।
- सोलापुर की प्याज, जिस पर सबसे ज्यादा उम्मीद थी, बारिश से पूरी तरह नष्ट हो गई।
- अब नई प्याज दशहरे के बाद ही बाजार में आएगी।
सरकार ने किसानों के लिए 2215 करोड़ रुपये का मुआवजा पैकेज घोषित किया है, जिससे 31 लाख से ज्यादा किसान लाभान्वित होंगे।
कर्नाटक में प्याज और सोयाबीन का संकट
कर्नाटक के चित्रदुर्ग और बीजापुर जिलों में भी प्याज किसानों को तगड़ा झटका लगा है।
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- जून की बारिश से फसल खराब हुई।
- बची प्याज में कीट और फंगस लगने से क्वालिटी बिगड़ गई।
- अनुमान है कि राज्य की 30-35% प्याज फसल चौपट हो सकती है।
प्याज के दाम 2025 में क्या होंगे?
अभी बाजार में भंडारण वाली प्याज दिसंबर तक चलने की उम्मीद है। नासिक और राहुरी मंडियों में आवक घटने से प्याज के दाम 50 पैसे से 1 रुपये किलो तक बढ़ चुके हैं।
यदि बारिश का असर आगे भी रहा, तो प्याज के दाम 2025 में और तेजी से बढ़ सकते हैं।
किसानों की मांग और उम्मीदें
किसानों ने कर्ज लेकर फसल बोई थी, लेकिन बारिश ने उनकी मेहनत डुबो दी। अब किसान मांग कर रहे हैं कि:
- आंध्र प्रदेश की तरह प्रति एकड़ 500 रुपये मुआवजा दिया जाए।
- किसानों के कर्ज माफ किए जाएँ।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्याज की फसल बर्बाद होने से किसानों की हालत बेहद खराब है। सरकार ने राहत पैकेज की घोषणा की है, लेकिन किसानों को असली राहत तभी मिलेगी जब मुआवजा और मदद समय पर उन तक पहुँचे। वहीं, उपभोक्ताओं के लिए भी आने वाले महीनों में प्याज के दाम बढ़ना तय माना जा रहा है।
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