Soybean Fasal Bima 2025: उज्जैन किसानों को मिलेगा फसल क्षतिपूर्ति भुगतान सीधे खाते में

उज्जैन, मध्य प्रदेश:
इस साल की सबसे बड़ी खुशखबरी किसानों के लिए आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 19 अक्टूबर को उज्जैन में एक बड़े कार्यक्रम के दौरान किसानों को फसल क्षतिपूर्ति सहायता राशि (Crop Compensation) देंगे।

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यह पूरी प्रक्रिया सिंगल क्लिक (Single Click Transfer) के ज़रिए होगी, जिससे पैसा सीधे किसानों के बैंक खाते में (Direct Bank Transfer) पहुँचेगा।

यह राहत उन किसानों के लिए बहुत मददगार साबित होगी जिनकी फसलें इस बार की अतिवृष्टि और जलभराव से खराब हो गई थीं — खासकर सोयाबीन (Soybean Crop) की फसल को बहुत नुकसान हुआ है।

1126 गांवों के किसानों को मिलेगी राहत

कृषि विभाग के अनुसार उज्जैन जिले के कुल 1126 गांवों के किसानों को Soybean Fasal Bima Yojana के तहत फसल क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस कार्यक्रम के दौरान मंच से एक क्लिक में राशि जारी करेंगे। इससे करीब दो अरब रुपए से ज्यादा की सहायता राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जाएगी।

तहसीलवार राहत राशि का पूरा ब्यौरा

सरकार ने हर तहसील में नुकसान का सर्वे कराया और उसी के आधार पर (Soybean Fasal Bima Payment) राशि तय की गई है।

तहसीलप्रभावित गांवराहत राशि (₹ करोड़)
उज्जैन12430
घट्टिया12828.50
कोठी महल140.79
खाचरौद11036.36
नागदा6423.61
उन्हेल5012.62
बड़नगर19335
महिदपुर11425
झारडा11325
तराना11424.30
माकडौन10224

इससे साफ है कि सरकार ने हर क्षेत्र में जाकर वास्तविक नुकसान (Soybean Fasal Nuksan) देखा और उसी के अनुसार सहायता तय की।

किसानों के लिए भावांतर भुगतान भी जल्द

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 24 अक्टूबर से किसानों के खातों में भावांतर भुगतान (Bhavantar Payment) की राशि भी भेजी जाएगी।

यह योजना किसानों को फसल के बाजार भाव और समर्थन मूल्य (MSP) के बीच का अंतर पूरा करने के लिए है।
इससे किसानों को अपनी फसलों का सही मूल्य मिल सकेगा।

सरकार का कहना है कि फसल क्षतिपूर्ति राशि और भावांतर भुगतान योजना मिलकर किसानों को आर्थिक रूप से मज़बूत बनाएंगे और उन्हें रबी सीजन की तैयारी में आसानी होगी।

किसानों के लिए राहत और उम्मीद दोनों

पिछले कुछ महीनों में भारी बारिश और बाढ़ ने जिले की सैकड़ों एकड़ फसलों को नुकसान पहुँचाया था। किसान अपनी मेहनत पर पानी फिरता देख निराश थे।

अब जब सरकार ने सीधे खाते में राहत राशि भेजने का फैसला लिया है, तो किसानों में फिर से उम्मीद जगी है।

कई किसान संगठनों ने मुख्यमंत्री के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि जब सरकार समय पर मदद देती है, तो किसान फिर से खेत में हिम्मत से काम करने लगता है।

“सरकार की यह मदद हमारे लिए सांस लेने की जगह जैसी है,” — उज्जैन के एक किसान ने कहा।

डिजिटल सिस्टम से तेज और साफ वितरण

इस बार की राहत राशि Direct Bank Transfer (DBT) के ज़रिए दी जाएगी।
इसका मतलब है —

  • किसी को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
  • कोई बिचौलिया या दलाल बीच में नहीं होगा।
  • पूरा पैसा सीधे किसान के खाते में जाएगा।

यह Digital Payment System सरकार की पारदर्शिता (Transparency) दिखाता है और किसानों को भरोसा दिलाता है कि उनकी मेहनत की कद्र हो रही है।

सरकार की योजनाएँ किसानों के हित में

पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं —

  • फसल बीमा योजना (Crop Insurance Scheme)
  • भावांतर भुगतान योजना (Bhavantar Bhugtan Yojana)
  • फसल क्षतिपूर्ति सहायता (Crop Compensation Assistance)

इन सब योजनाओं का मकसद है किसान को आर्थिक झटकों से बचाना, ताकि वह मौसम की मार या नुकसान के बावजूद खेती जारी रख सके।

अब यह नई राहत योजना भी उसी कड़ी का हिस्सा है जो किसान आत्मनिर्भरता (Farmer Self-Reliance) की दिशा में बड़ा कदम है।

आने वाले समय में ज़रूरी सुधार

किसानों ने यह भी उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में सरकार जलभराव नियंत्रण, सिंचाई व्यवस्था (Irrigation System) और मौसम-आधारित बीमा (Weather Based Insurance) को और मज़बूत बनाएगी।

इससे भविष्य में जब भी बारिश ज़्यादा या कम होगी, तो नुकसान कम होगा और किसान को समय पर मदद मिल सकेगी।

किसानों के लिए जरूरी जानकारी

👉 राशि कब मिलेगी?
19 अक्टूबर को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से भेजी जाएगी।

👉 किसे मिलेगी?
जिन किसानों की फसलें बारिश या जलभराव से खराब हुई हैं और जिनके नाम सर्वे सूची में हैं।

👉 कैसे मिलेगी?
सीधे बैंक खाते में (Direct Bank Transfer)। किसानों को किसी दफ्तर जाने की जरूरत नहीं होगी।

👉 अगला कदम क्या है?
24 अक्टूबर से भावांतर भुगतान योजना की राशि भी आना शुरू होगी।

निष्कर्ष

उज्जैन जिले के किसानों के लिए यह राहत किसी त्योहार से कम नहीं है।
बारिश और जलभराव से बिगड़ी हालत के बीच सरकार की यह सहायता नई उम्मीद और विश्वास का संदेश देती है।

जब मदद समय पर पहुँचती है और बिना किसी झंझट के सीधे खाते में आती है, तो किसान के मन में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ता है।

खेतों में इस बार भले पानी ज़्यादा था, लेकिन अब उम्मीदें फिर से हरी होने लगी हैं 🌾

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